कहते हैं, गपोड़ियों की कोई जाति नहीं होती ....लेकिन फिर भी गपोले बाज कहीं न कहीं स्वयं को जाती में बाँध लेते हैं ...! ऐसे ही गपोडे है हमारे रामचरण कहने को 'साठा में पाठा है ' लेकिन सुरती की टपकन हमेशा अदब से उनके साथ रहती है ....टेम्पू से चलना खाशा पसंद है ..कहते हैं आँखों को सही रौशनी मिल जाती है भैया ...! खैर , तो राम चरण हमारे इलाके के प्रसिद्द गपोडे हैं ...जनता जनार्दन अक्सर इनके पास बैठकर इनकी गप्पों का आनद लेती है ! इलाहाबादी गर्मी में रात को इनके पास बैठने का सोभाग्य हमें भी मिला ...चर्चा छिड़ गयी निगम चुनाव और राष्ट्रपति चुनाव की ....रामचरण ने स्पष्ट कहा की, " मालुम नहीं है तुम लोगन को ई बार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी भी इन चुनावन परही टिकी है ...अगर हमारे भैया पार्षद बनगए तो दा को ..सपोर्ट कर देंगे ......नहीं तो ई बार तो गए प्रणव काम से ....भैया की तगड़ी सेटिंग है ...!!!! जय हो रामचरण की ...काश!!! आपको भी कोई राम चरण मिले ......
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