' इतिहास बना दो ' हमारे अंतर्मन के कोने को झांकता हुआ बिम्ब है जिसका प्रतिबिम्ब समाज में कहीं न कहीं व्याप्त है ..! यह मेरा ऐसा प्रयास है जो नयी विधा को भी संरक्षित करने की भरसक कोशिश करेगा .......लेकिन आपके साथ मिलकर ..तो बढ़ाएं हाथ और चलें हमारे साथ ...
सोमवार, 4 जुलाई 2011
साथ....
जिंदगी में ज्यादा ख़ुशी मिले तो पीछे मुड़कर देख लेना , हम पीछे होंगे पर दुःख में पीछे मुड़कर मत देखना ,क्योंकि तब हम आपके साथ होंगे .......
achchha hai
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