मंगलवार, 3 मई 2011

गर्मी बढ़ने पर हर कोई बे-हाल हो जाता है । ऐसे में हमारा नैतिक दायित्व है की पशु - पक्षियों के लिए पीने के पानी का समुचित प्रबंध करे। यही मानव धर्म का सार है।

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