मंगलवार, 21 अप्रैल 2009

लोकतंत्र के इस महा पर्व में साधुओं से लेकर महाबली तक , राजनीतिज्ञों से लेकर दुराचारियों तक सभी गंगास्नान कर संसदीय स्वर्ग के द्वार तक पहुचना चाहते हैं और देवरूप धारण कर लोक हविषि प्राप्त करना चाहते है । सत्य ही वे इसपर अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते हैं। ऐसा लगता है की ये दुष्ट जोंक जनता का खून चूसकर ख़ुद को और अपने परिवार को मोटा करना चाहते हैं । एक आम आदमी की वास्तविक स्थिति से इन्हे कोई सरोकार नही है देश का विभाजन अंग्रेजों ने नही इन्ही सत्ता लोलुप भ्रष्ट राजनेताओं ने किया है, आओ हम पुनः इन भ्रष्ट नेताओं से मुक्ति का सार्थक आन्दोलन चलायें और स्वस्थ शिक्षित और समृद्ध भारत का निर्माण करने के लिए एक वास्तविक राजनेता का चयन करें जो न सिर्फ योग्य हो बल्कि युवा और ऊर्जावान रचनाकार भी हो चाहे वह किसी भी दल का प्रतिनिधि हो ......... ।
युवा बने , युवा चुने , युवा दिखे .......... ।
रनीश जैन
आनंद एकेडमी , इलहाबाद
उत्तर प्रदेश
09455480842