लोकतंत्र के महा समर का बिगुल बज चुका है सभी महारथी अपने अस्त्र शस्त्रों के साथ सुसज्जित होकर रन क्षेत्र में उतर चुकें हैं जिनमें कोई अर्जुन है तो कोई दुर्योधन। परन्तु दुर्भाग्य यह है की अब पार्थ का सारथी वृद्ध हो चुका है। उसकी सारी क्षमताएं लगता है कहीं द्वापर में ही छूट गई हैं क्या वृद्ध सारथी के साथ कोई अर्जुन युद्ध जीत सकेगा। अब सारथी के परिवर्तन की आवश्यकता है जो न सिर्फ नेतृत्व प्रदान सके बल्कि इस युद्ध में विजय भी प्राप्त करा सके आओ मिलकर युवा भारत का निर्माण करे और युवा सारथी का चयन करें यही आपका ऊर्जावान एवं समृद्ध भारत होगा। ....................................... युवा चुनें, युवा दिखें, युवा बनें।
धन्यवाद
रनीश जैन
इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश )