' इतिहास बना दो ' हमारे अंतर्मन के कोने को झांकता हुआ बिम्ब है जिसका प्रतिबिम्ब समाज में कहीं न कहीं व्याप्त है ..! यह मेरा ऐसा प्रयास है जो नयी विधा को भी संरक्षित करने की भरसक कोशिश करेगा .......लेकिन आपके साथ मिलकर ..तो बढ़ाएं हाथ और चलें हमारे साथ ...
शुक्रवार, 20 मई 2011
विश्वास...
एक छोटी बच्ची अपने पापा के साथ जा रही थी एक पुल पर पानी बहुत तेजी से बह रहा था , पापा ने कहा बेटा डरो मत मेरा हाथ पकड़ लो ,बच्ची बोली नहीं पापा आप मेरा हाथ पकड़ लो । पापा ने मुस्करा कर कहा दोनों में अंतर क्या है?बेटी बोली , अगर में आपका हाथ पकडू और अचानक कुछ हो जाये तो शायद में हाथ छोड़ दूं ,लेकिन अगर आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो में जानती हूँ की एक छोटी बच्ची अपने पापा के साथ जा रही थी एक पुल पर पानी बहुत तेजी से बह रहा था , पापा ने कहा बेटा डरो मत मेरा हाथ पकड़ लो ,बच्ची बोली नहीं पापा आप मेरा हाथ पकड़ लो । पापा ने मुस्करा कर कहा दोनों में अंतर क्या है?बेटी बोली , अगर में आपका हाथ पकडू और अचानक कुछ हो जाये तो शायद में हाथ छोड़ दूं ,लेकिन अगर आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो में जानती हूँ की चाहे कुछ भी हो जाए , आप मेरा हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे । .........आज भी बच्चे हाथ छोड़ देते है माँ - बाप नहीं......
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बिल्कुल सही है।
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