' इतिहास बना दो ' हमारे अंतर्मन के कोने को झांकता हुआ बिम्ब है जिसका प्रतिबिम्ब समाज में कहीं न कहीं व्याप्त है ..! यह मेरा ऐसा प्रयास है जो नयी विधा को भी संरक्षित करने की भरसक कोशिश करेगा .......लेकिन आपके साथ मिलकर ..तो बढ़ाएं हाथ और चलें हमारे साथ ...
रविवार, 15 मई 2011
वक्त फिसलता है रेत की तरह हम उसे संभालना भूल जातें है । कुछ लोग बहुत ख़ास होते है जिंदगी में हम उन्हें बताना भूल जाते है ....
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