' इतिहास बना दो ' हमारे अंतर्मन के कोने को झांकता हुआ बिम्ब है जिसका प्रतिबिम्ब समाज में कहीं न कहीं व्याप्त है ..! यह मेरा ऐसा प्रयास है जो नयी विधा को भी संरक्षित करने की भरसक कोशिश करेगा .......लेकिन आपके साथ मिलकर ..तो बढ़ाएं हाथ और चलें हमारे साथ ...
रविवार, 29 मई 2011
आदमी क्या सोचता है ?
एक आदमी की चाहत ... ६ अंकों का वेतन ... ५ अंकों की वचत .... ४ कमरों का मकान ...
३ हफ़्तों की छुट्टी... २ बच्चे ........ १ गूंगी बीवी .....
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