हे देशवासियो क्यों देश की चिंता करते हो ?,तुम्हारा था ही क्या जो बिगड़ गया ..भ्रस्टाचार यहाँ पैदा हुआ यहीं रह जाएगा ...तुम अपने साथ ना इसे लाये थे ना साथ ले जाओगे ..तमाम सुधारक आये और चले गए ..तुम भी चले जाओगे इसलिए हे प्राणी व्यर्थ की कवायद छोड़ ..अपना लोटा छानकर पी ..कुएं छानोगे तो छन्ने फट जायेंगे पर छान नहीं पायोगे .....(गीता सार से प्रेरित )
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